जल जीवन हरियाली
धरती की प्यारी हरियाली
जन–जीवन के लिए निराली
मानव सहित सभी को खास
जल पर है जीवन की आस।
हरियाली पौधों से रहता
नदियों–झरनों में जल बहता
कृषि, बागवानी को है खास
करें सभी इसके लिए प्रयास।
जब बढ़ेगी पौधों की मुद्दात
पृथ्वी पर होगी प्रचूर बरसात
खिल–खिलाएंगे वन–उपवन
ताजी रहेगी हमारी श्वास।
आओ, मिलकर पेड़ लगाएं
अपनी धरती मां को हर्षायें
धरती मां जब होगी खुश
नहीं होगा हमें कभी भी दुख।
जल हरियाली बचाना होगा
प्रदूषण को भगाना होगा
वातावरण का होगा रक्षण
नहीं होगा व्याधियों से भक्षण।
हमें मिलता इससे अनेकों लाभ
लकड़ी, औषधि, जैसे का भंडार
मानव को इसका प्रत्यक्ष उपहार
आओ प्रण लें, नहीं होने देंगे संहार।
✍️ शुकदेव पाठक
मध्य विद्यालय कर्मा बसंतपुर
प्रखंड– कुटुंबा, जिला– औरंगाबाद