कलम की ताक़त-अशोक प्रियदर्शी 

कलम की ताक़त

कलम एक तेज हथियार है, 
इसका प्रयोग संभलकर करना है।
जो समझे इसकी महत्ता को, 
वरना जीते जी मरना है ।

कलम में गुणकारी संस्कार है, 
प्रायः करती लोगों के उपकार है।
किसी भी अनहोनी घटना में, 
सहना तो पड़ता तिरस्कार है। 

कलम से ऋषि मुनियों ने, 
अनेकों ग्रंथ लिखे यह प्रमाण है। 
दिल से जिसने लगाया कलम को, 
इतिहास रच बना विश्व में महान है। 

इसके अंदर जाति का भेद नहीं, 
तेज है इस जैसा कोई रामबाण नहीं। 
देख ले ऐ दुनियाँ के लोगों, 
इसके जैसी आन-बान-शान नहीं। 

खून नहीं बहता, है मार इसकी, 
सपनों में खूब, ये याद दिलाती। 
चले जो भी सत्य की राह पर, 
जिन्दगी भर ये साथ निभाती। 

कलम में इतनी ताक़त है, 
मिटाती हर जात-पात है। 
जो टकराना चाहे कलम से, 
उसकी क्या औकात है। 

अशोक प्रियदर्शी 
प्राo विo परतिया टोला मोबैया
बायसी पूर्णियाँ बिहार

0 Likes
Spread the love

Leave a Reply