कन्हैया आ जाओ
कृष्ण कन्हैया रास रचैया
आ जाओ एक बार।
भक्त तुम्हारे द्वार खड़े हैं
दर्शन दो एक बार।
कन्हैया आ जाओ
दरस दिखा जाओ।
द्रोपदी ने रो रो के पुकारा
आकर चीर बढ़ाए।
सखा सुदामा भी जब आया
दौड़ के गले लगाए।
अब तो गले लगा जा मोहन
मुझको भी एक बार।
कन्हैया आ जाओ
दरस दिखा जाओ।
यमुना तट पर गोपी खड़ी है
तेरी राह निहारे।
ग्वाल बाल भी रोते हुए अब
तुझको सदा पुकारे।
थोड़ा प्रेम दिखा जा मोहन
मुझसे भी एक बार।
कन्हैया आ जाओ
दरस दिखा जाओ।
सुधीर कुमार
किशनगंज बिहार
0 Likes