कर्म ही पूजा है
कर्म ही पूजा है,
जाने हर इंसान,
फिर भी अपने कर्मों के परिणाम से,
तू क्यों डरता है इंसान,
जीवन के सुख-दुख के छांव से,
क्यों होता रहता परेशान ।
लाख इंसानियत को छोड़कर करो,
कोई भी तू दूजा काम,
पर कर्म से बड़ा कुछ नहीं होता,
ये समझ जा तू इंसान ।
अपने कर्मों का हिसाब सबको पड़ता है देना ऐ तू भी जान,
आज दे या कल, चाहे तू कितना भी हो महान,
ऊपर वाले तो बस सबके कर्मों का फल देते,
जो जैसा कल बो कर रखा है इंसान,
कर्म से बड़ा कोई धर्म या मजहब नहीं होता,
ये समझ जा तू इंसान,
कर्म से बड़ा और कोई नहीं दूजा है,
कर्म ही पूजा है ।
✍️प्रियंका कुमारी ✍️
विद्यालय :-प्राथमिक विद्यालय रहिया टोल
प्रखंड :- बायसी (पूर्णिया)
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