कर्मफल-संयुक्ता कुमारी

Sanyukta

कर्मफल

ईश्वर ने तो बनाया
यह सुन्दर प्यारा जहान ।

तेरा मेरा कर के क्यों 
बनते हैं हम महान।।

सारी उम्र लगाते हो
काँटों का बगान ।

फिर जब चुभता है काँटा
तो काहे होत हैरान ।।

बोया जो वही काटेंगे
यह ईश्वर का है फरमान ।

भोगेगा तू अपनी करनी
रखो हमेशा ध्यान ।।

अभी जवानी में है मतवाला
धन दौलत का है अभिमान ।

क्यों कहते हो ? क्या रखा है
पत्थर का भगवान ।।

बड़े बड़ों की शान है टूटी
यही विधि का विधान ।

क्यों चलाया करता अपना फरमान ।
ईश्वर तोडेंगे एक दिन तुम्हारे अभिमान ।।

मत कर छल कपट
 रखो प्रभु का ध्यान ।

कर्म फल मिलता है यहीं
पर यही है सच्चा ज्ञान ।।

कर्म से बड़ा नही कोई दूजा ।
कर्म ही है सबसे बड़ी पूजा ।।

✍️संयुक्ता कुमारी✍️
संकुल समन्वयक
कन्या मध्य विद्यालय मलहरिया प्रखंड बायसी पूर्णियाँ

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