कर्मवीर-डॉ स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’

कर्मवीर

जीवन कब शोक मनाता है,
कर्मवीर भी मारा जाता है।
उठकर प्यारे अब धीर धरो,
संघर्ष से क्यों घबराता है।

जीता है और हम जीतेंगे,
कहो कौन हमें डराता है।
हम चतुर सयाने धर्मवीर,
कोरोना भी घबराता है।

दूरी तो बहुत जरूरी है,
चेहरे दो मास्क जरूरी है।
हाथ को साफ करें हरदम,
साबुन का साथ जरूरी है।

ऑक्सीजन की मारा मारी,
जीवन की आपाधापी है।
घबराना नही कभी हमको,
बस धैर्य की ही बलिहारी है।

सावधानी ही है रामबाण,
टीका भी बहुत जरूरी है।
सर्दी बुखार और बदनदर्द,
बहुरूप कोरोना ने ली है।

जीतेंगे निश्चित यह रण हम,
हम मानवता के प्रहरी हैं।
कोरोना योद्धा नमन तुम्हें,
हम सजग समर्पित शहरी हैं।

जीवन कब शोक मनाता है,
कर्मवीर भी मारा जाता है।

डॉ स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
मध्य विद्यालय शरीफगंज कटिहार

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