करवा चौथ – विधाता छंद
सुहागन आज करती है जहाँ उपवास भर दिन का।
सुधाकर को निहारी है सुहानी रात जीवन का।।
अमर सिंदूर हो मेरा नहीं हो कष्ट भी थोड़ा।
यही शुभ भावना लेकर सदा विश्वास है जोड़ा।।०१।।
निभायें प्रीत प्रीतम से सुधा को देखकर बोली।
हमें आशीष दो इतना रहे शृंगार की झोली।।
मिले चंद्रेश की माया उमा आशीष दे ऐसा।
सजी बिंदी रहे माथे सदा उमा के रंग के जैसा।।०२।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
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