कृष्णाष्टमी-रीना कुमारी “प्रीती”

Rina

Rina

कृष्णाष्टमी

देखो कृष्ण जन्माष्टमी है आयी,
देखो मथुरा में जन्मे कन्हाई।
आज ही के दिन कृष्ण जी जन्मे,
जगत के पालनहार है जन्मे,
वसुदेव ललना, देवकी प्रणमा
देखो मथुरा में जन्मे कन्हाई।
देखो कृष्ण जन्माष्टमी है आई,

देवकी के कृष्ण जी आठम ललनमा,
बाजे बधाई नंद जी के भवनमा,
यशुमति के शोभे हैं आज अंगनमा।
नंद लुटावे हीरा मोती और सोनमा,
गोकुल निवासी कान्हा के करे दर्शनमा।
देखो मथुरा में जन्मे कन्हाई।
देखो आई कृष्ण जन्माष्टमी—-

देखो हर्षित है यशोदा माई,
अंगना में उनकी बाजे है बधाई।
नंद के घर आनंद है छाई,
चहुंदिशि जा रही खुशियॉं लुटाई।
सखियाँ सब मिल-जुलकर मंगल है गाईं,
अनगिनत सभी लोग नेकी है पाई
देखो मथूरा में जन्मे हैं कन्हाई।
देखो कृष्ण जन्माष्टमी है आई।

सभी खुशी से जन्माष्टमी मनाये
कान्हा रूप देख खुश हो जाएं।
पालना में ललना को मैया झूलाये,
ललना भी मंद-मंद देखो मुस्काए।
त्रिपुरारी शिव से भी रहा न जाए,
बाल रूप देखन को चली आए
दर्शन पाके मन खुश हो जाए
देखो मथूरा में जन्मे कन्हाई।
देखो आज जन्माष्टमी है आई।

रीना कुमारी “प्रीती”
पूर्णिया, बिहार

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