शक्ति की अधिष्ठात्री देवी
दुर्गा नाम से प्रख्यात हैं ।
होती इनकी नौ रूपों की पूजा ,
यह पावन पर्व बड़ा विख्यात है ।
माँ का नाता पुत्र से होता ,
और पुत्र का नाता माता से ।
यह तो परम्परा आज की नहीं ,
यह चला आ रहा कोटि वर्षों से ।
माता जो खुशियों से भर दे झोली ,
वही माँ शक्ति भवानी हैं ।
जो अपने भक्तों पर स्नेह उड़ेलती ,
वही तो माँ जगतारिणी हैं ।
माता नहीं कुमाता हो सकती ,
पुत्र , कुपुत्र भले ही हो ।
माता का दिल सदा प्यारा होता ,
भक्त कितने भी दोषी हो ।
करें उपकार हम सबका मैया ,
आप ही जीवन रक्षक हो।
कोई नहीं तुम्हारे जैसी माता ,
आप ही दुष्टों के भक्षक हो ।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर
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