मां तेरे सदके जाऊंगी
जो प्रकृति है, जो शक्ति है, जिससे जीवन मिलती है।
क्या संभव है लिख पाना उसकी कहानी?
फिर भी मैंने, जो मां को जाना, जो महसूस किया, सुनाती हूं अपनी जुबानी।।
मेरे अस्तित्व का, जिसे सबसे पहले एहसास हुआ।
मेरा होना, जिसके लिए बेहद खास हुआ।।
मेरे जन्म से पहले ही, मुझे अपना समझने लगी,
बिना देखे ही, वह मुझे प्यार करने लगी।
जन्म लिया जब मैंने, दर्द सहा उसने,
मुझे देखते ही, भुला दिया हर पीड़ा जिसने।
अपने खून से सिंचा, अपना दूध पिलाया,
मेरे मुस्कुराने पर मुस्कुराई,
मैं रोई तो उसका दिल रोया।।
मुझसे ही शुरू होने लगी, उसके दिन और रात,
मुझे बताने लगी अपनी सारी बात।
आंसू न बहाऊँ मैं, इसके लिए कितना वो रोई।
मैं सो सकूं सुकून से इसलिए वह जैसे तैसे सोई।।
“हरि” भी आते धरा पर, मां का प्यार पाने।
मां की महिमा, मां की ममता, से न कोई हैं अनजाने।।
मेरे दर्द को, मुझसे भी पहले जाना।
मां है, तो लगता है हर गम अनजाना।
‘मां’ की आंखों में, ‘मां’ की हर बातों में ‘मां’ की दुआओं में, मां की तमन्नाओं में।
बसती हूं सिर्फ मैं, मेरे बिना, न उसका कोई ख्वाब,
मैं हूं तो है, उसके सारे ख़यालात।।
मुझे जीना सिखाया, प्रेम होता है क्या यह बताया,
मैं खिल सकूं इसलिए हर पल उसका सपना मुरझाया।
अपनी सारी खुशियां मुझ पर ही लुटाती है,
‘बिजी’, ‘आई’, ‘बा’ ‘अम्मी’ और मदर भी कहलाती है।
जब आए बच्चों पर मुसीबत, सिंहनी वह बन जाती है।।
मां, मैया, अम्मा, मम्मी, जन्मदात्री, जननी, जाया।
तुझसे मिला है जीवन, हूं मैं तेरी छाया।।
सपने मैं देखूं रंग वो भरती है,
मां तो मां है, कहां किसी से डरती है??
मैं तुझे भूल भी जाऊं, तू कहां भूलती है।
मेरे लिए हर मुसीबत झेले हर गम से लड़ जाती है।।
मां तूने जो मुझे इस जहां में लाया,
मुझे इस लायक बनाकर, जीने का रास्ता दिखाया।
कभी न ऋण चुका पाऊंगी, मेरी मां, मैं भी “मां” बनी हूं,
समझूंगी सार्थक जीवन, यदि तुझसा बन जाऊंगी।
कितनी सारी बातें हैं तेरी, मैं कहां लिख पाऊंगी,
एक “मदर्स डे” तो क्या? सारी जिंदगी, “तेरे सदके जाऊंगी”।।
सुनो मां, तेरे लिए मैं भी गीत गाती हूं।
मेरी उम्मीद, मेरी जिंदगी, तू है तो दुनिया में है हर खुशी।।
जब भी जीवन मिले, तेरे दामन में मिले, वरना कभी न जीवन पाऊंगी।।
चॉंदनी झा