माँ तुम हो महान
गाऊँ मैं माॅं तेरा गुणगान,
करुँ मैं सदा तेरा ही बखान,
तुम्हीं तो हो मेरा अभिमान,
तुम नहीं तो ये जग है सुनसान,
माँ! सच में तुम हो महान,
चाहती हो तुम मुझे जी जान।
श्रद्धा तेरी बनाती उर्जावान,
गाऊँ मैं तेरा गुणगान।
संघर्ष करना तूने सिखलाया,
कभी न डरना तूने बतलाया।
सदा ही सच तूने बोलवाया,
जीवन को मेरे तूने मुस्कुराया।
सदा मुझपे अपना प्यार लुटाया,
इस मन को तूने ही तो हर्षाया।
कभी नहीं दिखाई तूने अपनी शान,
गाऊँ मैं तेरा गुणगान।
ये जीवन सुख-दुख की छाया,
सोचो तो है केवल मोह-माया,
जीवन है एक सघर्ष तूने बताया,
सच का सामना करना सिखलाया
कभी न मेरा कदम डगमगाया।
मैं सदा बनी रहूँ तेरा स्वाभिमान,
गाउँ मैं तेरा गुणगान।
कभी न हो मुझ पे दुखों का साया,
आशीष और स्नेह तूने लुटाया,
अपनी ममता का शीतल बरसाया,
प्रेम-सुधा का रस पिलाया,
सारी खुशियां मुझमें तूने समाया,
ममता और प्यार तेरा है महान,
गाऊँ मैं तेरा गुणगान।
सहनशीलता का पाठ पढ़ाया,
त्यागमूर्ति बन जीवन है जीया,
लक्ष्मी जैसा रूप तूने दिखाया,
प्रभु का नाम भी तूने ही जपाया,
मुशिकल में भी न मन घबराया।
अंतर्मन में तेरे बसते हैं भगवान,
आस्था तेरी जग में सबसे महान,
गाऊँ मैं तेरा गुणगान।
रीना कुमारी
पूर्णियाँ बिहार