मद्य निषेध
धूम्रपान तंबाकू मदिरा का
पान कहलाता है मद्यपान
नशा पान से धन संबंध
सेहत का होता नाश।
नशा से शरीर हो जाता खोखला
क्षणिक आनंद कर देता बर्बाद।
अमीर गरीब मध्यम वर्ग होते
नशे का शिकार नशा करना
समझते अपना मौलिक अधिकार।
नशे व्यापार से होता आर्थिक लाभ
किंतु होता है नैतिकता का ह्रास।
मद्यपान है सामाजिक बुराई
मद्य निषेध कानून बना है
कानून का उल्लंघन है जुर्म
मद्यपान से होता अनेक बीमारी
मद्य निषेध से सेहत की रक्षा।
धन का अपव्यय रुक जाता है
पारिवारिक कलह मिट जाता
होता है खुशियों का संचार
नशाबंदी कठोर कानून बना है
करना होगा मद्य निषेध।
नशा वृत्ति में पैसा का होता अपव्यय
नशा छोड़ करें परिवार में व्यय।
पुराण धर्म करते हैं नशे की बुराई
महात्मा गांधी और बुद्ध ने
नशे को बताया त्याज्य।
जन-जन को मिले यह संदेश
लोग जागृत हो करे मद्य निषेध।
ब्यूटी कुमारी
मध्य विद्यालय मराँची
बछवाड़ा, बेगूसराय