मैं हूं नारी
मैं भारतीय नारी हूं,
मैं संस्कृति सभ्यता की जननी।
है जीवन जीने की अभिव्यक्ति,
खुद से निर्णय लेने की भी है शक्ति।।
मुझे सोचने विचारने की अभिव्यक्ति,
मुझ में पुरुषों जैसी है शक्ति।
मैं अबला नहीं नारी हूं,
मैं निर्बल नहीं शक्तिशाली हूं।।
मैं प्रशासनिक पदों पर भी,
दूसरों को भी परास्त किया।
शिक्षा के क्षेत्र में भी,
समता का अधिकार लिया।।
मैं शिक्षा की हूं जननी,
घर की भी हूं लक्ष्मी।
मुझ पर जो प्रहार करें,
उसका जीवन बर्बाद हुआ।।
सामाजिक राजनैतिक सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी,
हमने अपना लोहा मनवाया।
मुझे अवसर देकर तो देखो,
सभी जगह परचम लहराया।।
अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया
नुआंव कैमूर
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