मेरा आकलन-स्वाति सौरभ

मेरा आकलन

मेरा अंक देख मेरे पंख को ,
कतर दिया गया।
मेरे परीक्षाफल से मेरा आकलन ,
कर दिया गया।।

मेरे दोस्त से भी मेरी,
तुलना की गई।
उसकी तारीफ और मेरी ,
आलोचना की गई।।

मेरे दोस्त को भाषा में भी,
शत प्रतिशत अंक दिया गया।
और मुझे कला में भी,
फेल कर दिया गया।।

मेरे खेलने की आजादी पर,
बंदिशें लगा दी गईं।
मेरे सपनों की उड़ान को,
रोक दिया गया।।

स्वाति सौरभ
स्वरचित एवं मौलिक
आदर्श मध्य विद्यायल मीरगंज
आरा नगर भोजपुर

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