मेरा भारत-मनोज कुमार मिश्र

Manoj kumar mishra

Manoj kumar mishra

मेरा भारत

है बहुत खुबसुरत ये देश हमारा,
चहुँ ओर दिखता है अद्भुत नजारा।
बना भाल कश्मीर, ढका बर्फ से है,
चरण को पखारे तामिलनाडु प्यारा।
है बहुत खुबसुरत……..

एक हाथ गुजरात, कच्छ का रण,
दुसरा हाथ आसाम, विस्तृत वन-उपवन,
है बीच बहती कलकल करती नदीयाँ,
सच मे प्रकृति ने खुद है सवाँरा।
है बहुत खुबसुरत….

सुबह-शाम मंदिर की, बजती घंटियाँ हैं,
अजान, प्रार्थना, गुरू वाणी सभी है,
सभी धर्म भारत में फूले-फले हैं,
सभी धर्म भारत को लगता है प्यारा।
है बहुत खुबसुरत….

मनोज कुमार मिश्र
+2 सत्येंद्र उच्च विद्यालय गंगहर
अम्बा औरंगाबाद बिहार

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