मेरे पापा-ब्रम्हाकुमारी मधुमिता

Madhumita

Madhumita

मेरे पापा

मेरी हर खुशी में मुस्कुराते
मेरे हर गम में, ढांढस बढ़ाते
मेरे पापा
मुझे कभी पीटी उषा,
तो कभी सुनीता विलियम्स बनाते
मेरे पापा
मेरे आंसुओं के बहने से पहले ही
मुझको सीने से लगा लेते, मेरे पापा
मेरी एक जिद्द के लिए,
दुनिया से लड़ जाते, मेरे पापा

धन्य हुआ यह जीवन मेरा
जो पिता रूप में, आपको पाया
मेरे पापा
रहे सर पर, सदा मेरी आपकी छत्र छाया
आपके संघर्ष ने मुझे सशक्त बनाया
आपके मार्गदर्शन ने मुझे आगे बढ़ना सिखाया
गर्व है मुझे कि, आप हो मेरे पापा
मैं आपकी गुड़िया भी
और मैं ही आपकी ढाल  भी 
मैं आपका बचपन भी और

मैं ही आपका सहारा भी  

 पापा मेरे 
प्यार पे आपके, निसार दूं सब कुछ  
आपकी एक मुस्कुराहट के लिए,
अपनी सारी खुशियां त्याग दूं
मेरे पापा
मुझे बेटी नहीं, बेटा अपना समझा सदा
मुझे कभी कमजोर नहीं सदा फौलाद समझा
मेरे पापा।
ओम शांति

ब्रम्हाकुमारी मधुमिता
पूर्णियाँ (बिहार)

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