विनती देना शक्ति हमें इतना विधाता, भूल हो न कभी हमसे जरा सा। हम सब है नादान पर संतान तुम्हारे, तुम हो सृजनहार, पालनहारे। गलत राह पर न चलाना हमें तुम, बस इतनी कामना है प्रभु तुम से हमारे। जितनी भी जियूँ ये जिंदगी मैं, सर पे हाथ रहे सलामत…
विद्यालय प्रवेशोत्सव विद्यालय मना रहा है प्रवेशोत्सव, मानो हो कोई त्योहार, मुन्ने-मुन्नियों की किलकारियों से विद्यालय फिर से हो रहा गुलजार, सभी खुश हैं पाकर एक दूजे का साथ, लौटी है रौनक फिर से विद्यालय के पास। शिक्षक दिख रहे हैं करते अपने दायित्व का निर्वाह! बाल पंजी हो या…
नादान मानव प्रकृति मॉं ने कितना समझाया, सतर्क ,सावधान किया, न माना मानव, तो डराया, धमकाया, पर नादान मानव! जिद पर अड़ा हुआ है, चाँद पाने की ख्वाहिश में, धरती को खो रहा है,,,,, विकास की अंधी होड़ में, प्रतिद्वन्दिता की गंदी दौड़ में, नादान मानव! विनाश के मोड़ पर…