नन्ही चिड़िया
उठ चिड़िया अब आंखे खोल
तुझे अम्बर छूने जाना है,
अपने नन्हे-नन्हे कदमों पर
अपना भार उठाना है।
हरे-भरे खेतों से तुझको
दाना पाने जाना है,
सुदूर झरने में चोंच डुबा
अपनी प्यास बुझाना है।
कब तक ढूढेंगी आश्रय बोल,
तुझे खुद का नीड़ बनाना है,
ऊंची-ऊंची टहनियों से
तिनका तोड़ के लाना है।
हर सीमा हर बंधन के
पार घूम कर आना है।
फिर बैठकर मधुर स्वर में,
संघर्ष गीत सुनाना है।
उठ चिड़िया अब आँखें खोल
तुझे अम्बर छूने जाना है।
अमृता सिंह
नव सृजित प्राथमिक विद्यालय डूमरकोला
प्रखंड: चांदन जिला: बांका
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