नशा मुक्ति-अशोक कुमार

Ashok

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नशा मुक्ति 

धूम्रपान अपनाएंगे,
कुशल से नहीं रह पाएंगे।

जन-जन की यही पुकार,
नशा को करो दरकिनार।।

सारी कमाई नशे में लगाओगे,
बच्चों को नहीं पढ़ा पाओगे।।

नशा का लत जब लग जाएगी,
जीवन कष्टमय हो जाएगी।।

दूध दही से नाता जोड़ो,
नशा को हरदम के लिए छोड़ो।।

आओ करें हम सब विचार,
नशा है सबसे बेकार।।

सुख शांति सब छिन जाएगी,
नशा का लत जब लग जाएगी।।

जिसको नशा का लत लग गया,
उसका जीवन कभी नहीं सुधर पाया।।

नशा का लत है बेकार,
उसका जीवन है निराधार।।

मान प्रतिष्ठा सब चली जाई,
जब नशा का लत लग जाई।।

नशा को जिन्होंने अपनाया,
सारा जीवन कष्टमय बनाया।।

पाई पाई पैसा बचाओगे,
जीवन सुखमय बनाओगे।।

जिसने नशा को अपनाया,
समाज से दूरी बनाया।।

समाज ने किया उसे बहिष्कृत,
जिसने नशा से लगाई प्रीत।।

जिसने नशा से लगाई यारी,
कैंसर है भयावह बीमारी।।

कैंसर से ग्रसित हो जाओगे,
तुम कभी नहीं बच पाओगे।।

सुख शांति सब छिन जाएगा,
नशा को जो हाथ लगाएगा।।

नशा यदि तुम करोगे,
होश हवास में नहीं रहोगे।।

परिवार से है यदि प्यार,
नशा को करो दरकिनार।।

सारा कमाई नशा में लगाओगे,
परिवार को कैसे चलाओगे।।

शराब पीकर गाड़ी चलाओगे,
दुर्घटना से कभी नहीं बच पाओगे।।

नशा मुक्ति दिवस मनाएं,
सबको इसके बारे में बताएं।।

अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय

भटवलिया नुआंव कैमूर

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