नटखट कान्हा-अनुज वर्मा

Anuj

Anuj

नटखट कान्हा

मन चंचल साँवला तन,
जिनको करता सब नमन।
उनको गौ से है मीत,
बाँसुरी वादन में है प्रीत।
बात अनोखी करते हैं,
ज्ञान की बातें रखते हैं।
गौ सेवा जिनका धाम,
वो कहलाया गोकुलधाम।
सुदामा थे जिनके परम मित्र,
दोस्ती दोनों के थे पवित्र।
पादुका, वस्त्र का चाह नहीं,
लोभ लालच का कोई राह नहीं।
यशोदा के आँखों का तारा,
नंदवासी का था प्यारा।
अपनी चंचलता से हर्षाता,
राधा को बहुत सताता।
हर घर मटकी तोड़ आता,
तभी माखन चोर कहलाता।
प्रेम था जिनका आधार,
उनको पूजे आज सारा संसार।

अनुज वर्मा
मध्य विद्यालय बेलवा कटिहार

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