नेहरू चाचा और बालमन
अमन शांति संदेशा लाकर
बनाया भारत को अभिराम।
इनको करें ही सदा सलाम
बाल दिवस इनके ही नाम।।
भाते मन को सबके चाचा
औ हँसाते सबको चाचा।
हृदय भरा था अनोखा प्यार
बच्चों से करते स्नेह अपार।।
हैं देश प्रगति का आधार
इनका सदा सुरक्षित अधिकार।
दें विचार जीवन जीने का
करें बचपन इनका साकार।।
मन के सच्चे और हैं न्यारे
चाचा की आँखों के तारे।
मात पिता के परम दुलारे
किसको नहीं लगते ये प्यारे।।
चंचलता मन सदा लुभाते
हिय चाचा का खूब हर्षाते।
बालमन को नित्य सरसाएँ
और हौसला सदा बढ़ाएँ।।
मान बढ़ाने ही भारत का
सुख सुविधा को दूर भगाया।
तन मन धन से सेवा को ही
जीवन अपना धर्म बनाया।।
दासता के मुक्तिदाता को है
देश भविष्य का सदा नमन।
जागृति का उद्घोषक बनकर
सदा गुलजार कर दिया चमन।।
देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
भागलपुर, बिहार