भोर की किरण तुम भोर की किरण हो, जगना तो हर हाल में पड़ेगा। ये परम्परा है हमारी, तपना तो हर हाल में पड़ेगा। बिन तपे कोई दिखता नहीं, वह…
अंगड़ाई-धर्मेन्द्र कुमार ठाकुर
अंगड़ाई दो हजार बीस ने हमें बहुत सताया बाजार, विद्यालय, परिवहन, और प्रतिष्ठान सबके सब बंद करवाया घर में छुट्टी खूब बिताया। अब बहुत हुआ छुट्टी-छुट्टी का खेल, आओ लौट…
समावेशी शिक्षा-अवनीश कुमार
समावेशी शिक्षा समावेशी शिक्षा की संकल्पना दिव्यांगजन अधिकार कानून है अपना समावेशी शिक्षा की है अवधारणा सरल, सरस, समरस शिक्षा प्राप्त हो अपना समानता, मधुरता का पाठ पढ़ाता नई दृष्टि…
गाँव की मिट्टी-अनुज वर्मा
गाँव की मिट्टी आज भी जीवंत है गाँव, उसकी मिट्टी और छाँव। कच्ची थी पगडंडी, नहीं थी कोई मंडी। पेड़ों पर झुलना, गिरकर फिर संभलना। नानी दादी की कहानी, खूब…
स्कूल में आई खुशियाँ-विजय सिंह नीलकण्ठ
स्कूल में आई खुशियाँ फरवरी दो हजार बीस से बंद था पठन-पाठन विद्यालय में प्यारे बच्चे छुपे हुए थे अपने-अपने आलय में। मन नहीं लगता गुरुजी को था बैठे-बैठे विद्यालय…
सरस्वती वंदना-डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा
सरस्वती वंदना छुप गयी हो तुम कहाँ बताओ माँ तुम “शारदा,” बसंती चुनर ओढ़कर तुम धरा पर आओ माँ। मिट रहा है ज्ञान-ध्यान घट रही है “साधना”, मिट रहा है…
रक्षक हमारे विटामिन-आँचल शरण
रक्षक हमारे विटामिन आओ बच्चों जानें कुछ नवीन देती ऊर्जा, करती रक्षा बढाती शक्ति असीम हम सब कहते जिसको विटामिन। जनक इसके “फ्रेडरिक्क हॉप किंंस”, इनकी मेहनत से ही मिली,…
पढ़ लिख जाने दो ना-अपराजिता कुमारी
पढ़ लिख जाने दो ना बाबा करो अभी न शादी थोड़ा तो पढ़ लिख जाने दो ना, तन तो है गीली मिट्टी पूरी तो गढ़ जाने दो ना, मन भी…
वरदराज की कहानी-सुधीर कुमार
वरदराज की कहानी आओ बच्चों, तुम्हें सुनाता, हूंँ मैं एक कहानी आज। गुरुकुल में एक बालक रहता, नाम था जिसका वरदराज। पढ़ने में रुचि नहीं थी उसकी, था विद्या से…
जय माँ शारदे-स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
जय माँ शारदे हे शारदे जगजननी माते, हे सुर धुन ज्ञानी तू वर दे। श्वेताम्बरा सुमति सुमुखी माँ सुन, हे अनहद नादिनी तू स्वर दे। प्रणमामि त्वयं, भजामि तव्यं स्वीकार…