शहर शहरों की रौनक होती भीड़ है पर ये तो सहता रहता पीर है हरित, शांति को ये सदा तरसता पल-पल वाहनों से धुआँ बरसता जहाँ भी देखो शोर-शराबा है…
कामयाबी-स्वाति सौरभ
कामयाबी जीवन में वो मंजिल ही क्या, जिसे पाना बहुत आसान हो। छाले न पड़े पैरों में, न जख्म के निशान हों।। कामयाबी के वो सपने ही क्या, आँखें सुजी,…
कोरोना साल-संयुक्ता कुमारी
कोरोना साल कभी न आए जीवन में फिर से ऐसा 2020। मन से जाएगा न कभी कोरोना का टीस।। आम का बगीचा जाना न हूआ, न रही अचार की खुशबू…
जख्मों को सहलाते रहिये-स्नेहलता द्विवेदी आर्या
ज़ख्मों को सहलाते रहिये दिल की रीत निभाते रहिये, जख्मों को सहलाते रहिये। संकट में है पड़ी मानवता, मानव धर्म निभाते रहिये। जंग कठिन है रण है बाकी, अपना धर्म…
युवा तुम लड़ो मुस्किलों से-संदीप कुमार
युवा तुम लड़ो मुश्किलों से हाँ, युवा तुम हो देश के भविष्य तुम हर असंभव कार्य को संभव कर सकते हो तुम्हारे अंदर है असीमित शक्ति तुम डटकर सामना करना…
आओ प्यारे बच्चों आओ-रानी कुमारी
आओ प्यारे बच्चों आओ हँसते-गाते, झूमते आओ आओ प्यारे बच्चों आओ। आओ इन पौधों से मैं बात करा दूँ, फूलों के चटकील रंग दिखा दूँ भौरों के मीठे गीत सुना…
बिन संघर्ष कुछ मिलता नहीं-खुशबू कुमारी
बिन संघर्ष कुछ मिलता नहीं क्या हुआ जो इतने थक कर हार गए तुम रास्ते और भी है इतने बेबस और लाचार क्यों हो गए तुम ? जिंदगी खत्म…
कौन कहता है बच्चे पढ़ते नहीं-रीना कुमारी
कौन कहता है बच्चे पढ़ते नहीं बच्चे तो कच्चे माटी के बने होते हैं जैसा चाहो वैसा रूप बना दो, पर हम खुद कुम्हार बनते नहीं, कौन कहता है बच्चे…
TOB का नवयौवन-राजेश कुमार सिंह
TOB का नवयौवन इतनी छोटी-सी उम्र में ही आप महान् हैं। कोई हीरा होगा, आप कोहिनूर समान हैं।। आप युवा हैं फिर भी आपमें गहराई है। मेरी इन बातों में…
मैं किसान हूँ-प्रभात रमण
मैं किसान हूँ हूँ दीन, हीन, गरीब, मगर मैं सबसे बड़ा अमीर हूँ । ये जमीन मेरी है, ये आसमाँ मेरा है । बहती पवन मेरी है, सारा जहाँ मेरा…