परोपकार
वह मानव जीवन व्यर्थ गया,
जो किया कभी उपकार नहीं।
जो मानव, मानव के काम आए,
उसका जीवन सफल हो जाए।
स्वयं के लिए जीवन जीना,
तो पशुता कहलाता है।
मनुष्य है वही जो,
मानवता दिखलाता है।
उदार चरित वाले मानव
का जग बखान करती है।
धरती पेड़ नदी हमें देती
परोपकार की प्रेरणा।
भूखे को भोजन, प्यासे को पानी
लाचार और बीमार की सेवा जो
करता वही है सच्चा दानी।
परोपकार है जीवन का आधार,
अपने लिए तो सब जीते हैं,
औरों के लिए जीना
जीवन का मजा है।
जब हम संकट में होंगे तो,
क्या ईश्वर जमीन पर आएगा?
इंसान ही इंसान के काम आएगा।
वह मानव जीवन व्यर्थ गया,
जो किया कभी उपकार नहीं।
ब्यूटी कुमारी
मध्य विद्यालय मराँची
बछवारा, बेगूसराय
0 Likes