पर्यावरण रक्षा-संयुक्ता कुमारी

Sanyukta

पर्यावरण रक्षा

प्रकृति के साथ किया अत्याचार।
पेड़ पौधे काटे पर्यावरण को किया बेहाल।।

भुगत रहे हैं अपनी करनी, प्रकृति बदली अपनी चाल ।
मनुष्य बंद है कमरे में पशु – पक्षी बाहर खुश हाल ।।

हमारा भारत है ऋषि मुनियों का संसार ।
सदियों पहले दी विश्व को आयुर्वेद का संस्कार ।।

पर आधुनिकता के दौर में दिख रही है अपनी हार।
दिखावे के चक्कर में हम बन गए लाचार ।।

पर्यावरण की रक्षा करें यही हमारा पालनहार।
ग्लोबल वार्मिंग होगी, बनेगा जीवन निराधार।

पेड़-पौधे पशु-पक्षी बहती नदियाँ जीवन के हैं आधार।
इन्हें नुकसान न पहुँचाए ऐसा रखें मन में विचार ।

पशुओं का शिकार जो करते, हरे वृक्ष काटते उनपर है धिक्कार ।
खुशहाल जीवन जीने दो इन्हें भी मत बनो इतना मक्कार ।

दूषित पर्यावरण से ही होते हमें रोग हजार ।
धरती माता की रक्षा में करो अपना जीवन निसार ।

विश्व प्रदूषण मुक्त हो, बनो अभिलाषी पूरा संसार।
तन मन पर्यावरण स्वच्छ रखें, अपनायें सात्विक आहार।

स्वच्छता ही विश्व में जीवन का एकमात्र आधार।
प्रकृति के साथ न करे कभी बुरा व्यवहार ।।

नाम – संयुक्ता कुमारी
कन्या मध्य विद्यालय मलहरिया
प्रखंड -बायसी
जिला – पूर्णिया

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