पेड़ लगाएं
आओ मिलकर पेड़ लगाएं
बीमारी को दूर भगाएँ,
नित दिन करें हम इसका भान,
तभी है संभव जगत कल्याण।
अगर पेड़ तुम काटोगे तो
आक्सीजन कहाँ से पाओगे,
जन मानस की पीड़ा को तुम
और अधिक बढ़ाओगे।
वृक्ष लगाना परोपकार है
मानवता से यही प्यार है,
पेड़ से पाएंगे हम औषधि
न कोई तंग, न बीमार है।
करवट बदल रही है मौसम
दस्तक देती बीमारी है,
ऐसी उथल-पुथलता में
वृक्ष लगाना ही जिम्मेदारी है।
नीम के पत्ते रोग भगाएँ
नींबू, आँवले दें विटामिन “सी”,
लौंग, अदरक, दालचीनी की चाय
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए तुलसी।
आक्सीजन को तड़प रहे सब
ऐसी आज़ लाचारी है,
पेड़ लगाओं, ज़ीवन बचाएँ
कह रही ये दुनिया सारी है।
नूतन कुमारी (शिक्षिका)
पूर्णियाँ, बिहार
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