प्रकृति माँ
माटी के कण-कण को आओ,
मिलकर हम चंदन करें।
पर्यावरण के शुभ दिवस पर,
माँ प्रकृति का वंदन करें।
हरी-भरी ये धरा हमारी,
माँ प्रकृति ने इसे सजाया है।
वन-उपवन और खेत-खलिहानों से,
वसुंधरा को रचाया है।
जिसके गोद में पलकर हम,
हर सुख-सुविधा को पाते हैं।
नदियों-झरने के मीठे जल से
अपनी प्यास बुझाते हैं।
पर्यावरण के शुभ दिवस पर,
आओ हम संकल्प करें।
वन-संपदा को संरक्षित कर,
प्रकृति का संवर्धन करें।
हरी भरी रहे धरा हमारी,
इस बात का हम ध्यान धरें।
पेड़ों को कटने से रोकें,
पौधों का संरक्षण करें।
कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
मध्य विद्यालय, बाँक जमालपुर
0 Likes