प्रार्थना-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

Devkant Mishar

Devkant Mishar

प्रार्थना
स्वर की देवी माँ सरस्वती
वाणी मधुरिम कर देना।
भक्ति भाव से आया हूँ मैं
गीतों में रस, भर देना।।

भाव पुष्प माँ लेकर आया
और क्या माँ, चढ़ाऊँ मैं।
जप-तप पूजा कुछ भी पता न
कैसे तुझे सुनाऊँ में।।
चरण धूल को पाने आया
सुन्दर मनहर वर देना।।
स्वर की देवी माँ सरस्वती
वाणी मधुरिम कर देना।।

सुर सरगम का ज्ञान नहीं माँ
कैसे गीत सजाऊँ मैं।
गहन तिमिर में भटक रहा हूँ
कैसे राह दिखाऊँ मैं।
देकर पावन राग ललित माँ
नवल कंठ में भर देना।।
स्वर की देवी माँ सरस्वती
वाणी मधुरिम कर देना।।

निर्मल पावन भाव समर्पण
करते वंदन जग सारा।
वीणावादिनी, माँ शारदा
शरण भक्त को तू तारा।।
विनय यही सदा माँ भवानी
सरस गीत का घर देना।।
स्वर की देवी माँ सरस्वती
वाणी मधुरिम कर देना।।

देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

भागलपुर, बिहार

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