प्रवेशोत्सव अभियान
हर एक विद्यालय के प्रांगण में
चल रहा बच्चों का प्रवेशोत्सव अभियान हैं।
जहाँ शिक्षक अभिभावकों को प्रेरित कर
बच्चों के लिए शिक्षा हैं ज़रूरी, इसका कराते भान हैं।
कोई बच्चा न रहे विद्यालय से वंचित
संकल्प ये हमारा गतिमान है।
आओ बच्चों विद्यालय चलकर तुम
पाओ ज्ञान और संस्कार, जहाँ बनना तुम्हें विचारवान हैं।
सूरज की नव किरणों की भांति उज्जवल हो तुम्हारे आचरण और भविष्य को बनाना हमें प्रतिभावान हैं।
हर बच्चा जुड़े शिक्षालय से तभी बनेगा हमारा
सफ़ल और सार्थक यह प्रवेशोत्सव अभियान है।
शालिनी कुमारी
रा. म. विद्यालय धनुषी
मुज़फ़्फ़रपुर (बिहार)
(स्वरचित मौलिक रचना)
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