प्रवेशोत्सव-प्रीति कुमारी

प्रवेशोत्सव

गाँव-गाँव और शहर-शहर
है चारों ओर चहल-पहल,
झूमे धरती झूमे अम्बर
अंखियाँ जाती है ठहर-ठहर ,
विद्यालय आज सजी-संवरी
मानो अप्सरा हो कोई उतरी,
बच्चे खुशियों से झूम रहे
मद मस्त मगन हो घूम रहे,
शिक्षक-अभिभावक संग-संग
तबला ढोलक और ले मृदंग,
हर टोला और हर बस्ती में,
जाकर बच्चों को ढूंढ रहे,
6 से 14 के उम्र के बच्चों को
हर हाल में विद्यालय लाना है,
नहीं छूटे कोई भी बच्चा,
यह संकल्प निभाना है। 
कितना मनभावन है यह उत्सव,
विद्यालय का प्रवेशोत्सव,
अब विद्यालय में लौटेगी रौनक,
वातावरण लगे मनमोहक,
कहीं गुब्बारे कहीं रंगोली
लगता जैसे हो दिवाली,
नाच रहे हैं सारे बच्चे,
खुशी-खुशी विद्यालय आते,
नई-नई पोशाक पहनकर
जूते मोजे टाई बांधकर, 
विद्यालय की शोभा हैं बढ़ाते।
आओ हम सब मिल-जुलकर
विद्यालय में मनाएँ प्रवेशोत्सव। 

प्रीति कुमारी
कन्या मध्य विद्यालय मऊ

विद्यापति नगर समस्तीपुर

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