प्रेमचंद साहित्य-सुधीर कुमार

Sudhir

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प्रेमचंद साहित्य

प्रेमचंद की कथा यात्रा,
लाई साहित्य में नव बसंत।
सोजे वतन से शुरू होकर,
मंगलसूत्र पर हुई है अंत।
उपन्यास है इनके सेवासदन,
प्रतिज्ञा, वरदान, गबन, रंगभूमि।
कायाकल्प, निर्मला, प्रेमाश्रम,
रुठी रानी, प्रेमा, कर्मभूमि।
गोदान है इनकी अमर कृति,
सर्वोत्तम उपन्यास हिन्दी का।
औरत के माथे पर स्थान,
जो होता है बिंदी का।
इनके बड़े प्रसिद्ध नाटक है,
कर्बला, प्रेम की वेदी, संग्राम।
जिसने दिये हैं नाट्य कला को,
एक नहीं बहुविध आयाम।
कथा संग्रह है मानसरोवर ,
सप्त सरोज और नवनिधि।
सप्त सुमन और प्रेम पीयूष संग,
आती है कफ़न और प्रेम पचीसी।
कुछ विचार है लेख संग्रह,
जीवन चरित्र है दुर्गादास।
शेख शादी भी जीवनी है
मंगलसूत्र है अंतिम उपन्यास।
तीन सौ के लगभग कहानियां,
लेख है पत्रिकाओं में।।
कलम के सिपाही थे कहलाते,
समकालीन रचनाकारों में।

सुधीर कुमार

किशनगंज बिहार 

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