दादा और पोते के संवाद दादा यहां तू कैसे आए, कौन ले आया तुमको। तुम बिन रहे उदास सदा, क्या एहसास है तुमको। मेरा बचपन कट जाता था, खेल-खेल कर तेरे संग में। बहुत उदास लगे है मुझको, अब न रहूँगा मैं उस घर में। बोले मम्मा डैड थे मुझको,…
हे प्रभु आओ बुद्ध रुप में रुग्ण विश्व व्याधि प्रबल है संकट में अवनि विह्वल है मनुजता को त्राण दिलाने घटाटोप संताप मिटाने हे प्रभु! आओ बुद्ध रुप में। चतुर्दिक आज तिमिर जना है मूक जीवों का क्रंदन घना है दया अहिंसा का पाठ पढ़ाने करूणा मैत्री का भाव जगाने…
हे गुरुवर जब था मन कोरा मेरा कलम पकड़ना आपने सिखाया आरी तिरछी लकीरों से गुरूवर ने सुलेख लिखाया रोम रोम कृतज्ञ गुरूवर आपके अनंत उपकारों से जीवन आज बना मधुवन गुरूवर के शुभ संस्कारों से । जब था मैं कच्ची माटी कुंभकार बन आप गुरूवर अनगढ को सुगढ बनाया…