प्रीत जहां की रीत सदा
है प्रीत जहां की रीत सदा
मैं यही बताने आया हूं
इस मिट्टी में मैं पला बढ़ा
इसी से सम्मान पाया हूं।
जहां के ज़र्रे-ज़र्रे में है
वतन परस्ती की खुशबू
जहां वीरों के कंधे पर है
वतन की इज़्ज़त आबरू।
जहां पर बच्चों को सदैव ही
सत्य का पाठ पढ़ाया जाता
झुठ मत बोलो कभी, पाप है
इसका आभास कराया जाता।
जहां है बड़े छोटे में अदब
पूछता किसी से हाल जब
मिलता जवाब सदैव वही
शुक्रिया है पाल रहा है रब।
एम० एस० हुसैन “कैमूरी”
उत्क्रमित मध्य विद्यालय
छोटका कटरा
मोहनियाँ कैमूर बिहार
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