पुस्तक ही सच्चा साथी
पुस्तक में भरी है दुनिया का अनमोल ज्ञान।📖
इसे मित्र बना कर हम भी बन सकते अच्छे इन्सान।।
पुस्तक को बना ले हम अपना साथी
तो बन सकते हैं जहाँगीर भाभा और अब्दुल कलाम।📚
अमीरी गरीबी का भेद मिटाकर विश्व में मिलेगा उँचा सम्मान।।📚
पुस्तके बनाती हमें कल्पनाशील जिससे भरते हैं हम ऊँचे उड़ान।
पुस्तक है ज्ञान का सागर, इससे ही बढे हमारा मान।।📚
पुस्तक से ही हमने जाना कबीर और संत के दोहे।
इनसे जुड़ कर ही तो हमारे सारे सपने सच होंये।।📚
हमेशा होता दो ही विकल्प हमारे पास आलसी बनकर समय गंवाना।
या परिश्रमी बनकर है जग में नाम कमाना।।📚
सोने और चांदी हीरे मोती पुस्तक के आगे कोयले का खान।
पुस्तक में अनमोल खजाना पढ़ कर बढा सकते हम अपने सम्मान।।📚
पुस्तक से बड़ा नहीं कोई जग में है साथी
दुःख में कभी न हिम्मत हारो, हमें ये आगे बढ़ना सिखलाती।
जीवन जीने की हर कला बता धैर्यवान व संघर्षशील बनाती।।📚
पुस्तक में ही है धर्म गीता बाईबल कुरान।
वीर पुरुषों की संघर्ष गाथा और उनके निराले शान।।📖
न हो पुस्तकें तो जिन्दगीं बेरंग हो जाये ,
सोनी महिवाल हीर राँझा की कहानी कोन बताये ?📖
जो दफन है इतिहास में, हजारो विध्वंस प्रकृति में आये परिवर्तन को कोन बताये ?📖
नये नये आविष्कारों से रुबरु कराती है पुस्तकें।
जीवंत करती है गुजरे पलों को, जो देखा नहीं उन्हें दिखाती है पुस्तकें।।📚
जीवन को नई दिशा दिखाती है पुस्तकें, इनसे करो प्यार।📖
ये बताती हमारे अस्तित्व को, पुस्तक ही
हमारे सच्चे सलाहकार।।📚
संयुक्ता कुमारी
संकुल समन्वयक
क. म. वि. मलहरिया
प्रखंड- बायसी
जिला – पूर्णिया