पुस्तक ही सच्चा साथी-संयुक्ता कुमारी

Sanyukta

पुस्तक ही सच्चा साथी

पुस्तक में भरी है दुनिया का अनमोल ज्ञान।📖
इसे मित्र बना कर हम भी बन सकते अच्छे इन्सान।।

पुस्तक को बना ले हम अपना साथी
तो बन सकते हैं जहाँगीर भाभा और अब्दुल कलाम।📚
अमीरी गरीबी का भेद मिटाकर विश्व में मिलेगा उँचा सम्मान।।📚

पुस्तके बनाती हमें कल्पनाशील जिससे भरते हैं हम ऊँचे उड़ान।
पुस्तक है ज्ञान का सागर, इससे ही बढे हमारा मान।।📚

पुस्तक से ही हमने जाना कबीर और संत के दोहे।
इनसे जुड़ कर ही तो हमारे सारे सपने सच होंये।।📚

हमेशा होता दो ही विकल्प हमारे पास आलसी बनकर समय गंवाना।
या परिश्रमी बनकर है जग में नाम कमाना।।📚

सोने और चांदी हीरे मोती पुस्तक के आगे कोयले का खान।
पुस्तक में अनमोल खजाना पढ़ कर बढा सकते हम अपने सम्मान।।📚

पुस्तक से बड़ा नहीं कोई जग में है साथी

दुःख में कभी न हिम्मत हारो, हमें ये आगे बढ़ना सिखलाती।
जीवन जीने की हर कला बता धैर्यवान व संघर्षशील बनाती।।📚

पुस्तक में ही है धर्म गीता बाईबल कुरान।
वीर पुरुषों की संघर्ष गाथा और उनके निराले शान।।📖

न हो पुस्तकें तो जिन्दगीं बेरंग हो जाये ,
सोनी महिवाल हीर राँझा की कहानी कोन बताये ?📖

जो दफन है इतिहास में, हजारो विध्वंस प्रकृति में आये परिवर्तन को कोन बताये ?📖

नये नये आविष्कारों से रुबरु कराती है पुस्तकें।
जीवंत करती है गुजरे पलों को, जो देखा नहीं उन्हें दिखाती है पुस्तकें।।📚

जीवन को नई दिशा दिखाती है पुस्तकें, इनसे करो प्यार।📖
ये बताती हमारे अस्तित्व को, पुस्तक ही
हमारे सच्चे सलाहकार।।📚

संयुक्ता कुमारी
संकुल समन्वयक
क. म. वि. मलहरिया
प्रखंड- बायसी
जिला – पूर्णिया

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