प्यारे बापू
बापू तेरे जन्म दिवस पर
है तुझको शत-शत नमन
याद करता है भारत वर्ष
प्रेम पुष्प सब करे अर्पण।
सत्य अहिंसा की राहों पर
तुमने है चलना सिखलाया
‘हे राम’, ‘भारत छोड़ो’,
‘करो या मरो’ जैसे नाराओं से
हम भारतीयों में बल व साहस जगाया।
भले ही उच्च शिक्षा पाई हो इंग्लैंड में,
पर संस्कृति तो भारत की ही दिखी तेरे नैन में,
हम भारतीयों के गौरव लिए
विदेश में भी आंदोलन कर
रंगभेद, बंधुआ मजदूरों को अपना
अधिकार दिलाया।
स्वदेश में भी चंपारण आंदोलन, असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन हो या साबरमती का नमक आंदोलन,
सब पर अपना परचम लहराया।
प्रकृति से प्रेम करना सबको सिखलाया,
सदा स्वच्छ रहना यह मूलमंत्र जन-जन को बतलाया।
स्वच्छता है जीवन का सार,
जिससे देश नहीं पाया है पार,
जब मनुष्य करेगा अपने कचड़ों की खुद सफाई, तब पूरी होगी स्वच्छ व सुंदर भारत की अभियान तुम्हारी।
बापू तेरे जन्म दिवस पर करता पुष्प अर्पण भारत वर्ष तुम्हें….
आँचल शरण
प्रा. वि. टप्पूटोला
बायसी, पूर्णिया
बिहार