राष्ट्रप्रेम की भावना
राष्ट्रप्रेम की भावना केवल युद्ध भूमि में ही नहीं होनी चाहिए,
इसकी शुरुआत हमें अपने नेक इरादों से करनी चाहिए,
ना भेदभाव हो, ना कोई जाति-धर्म का खेल
हर तरफ प्रेम अमन-चैन का पैगाम मिलना चाहिए,
राष्ट्रहित के लिए हम सबको मिलकर,
एक नई सोच की तरफ अपना कदम बढ़ाना चाहिए।
इरादे हम बस इतना कर लें विद्यालय हो या कोई दफ्तर,
हमें बस अपने कर्तव्य का निर्वाह
पूरी निष्ठा से करना चाहिए,
लोभ-लालच हो या हो कोई भ्रष्टाचार, अपने दिल के अंदर इसको जगह न देनी चाहिए,
आज बदल रहा हमारा समाज,
इसे हम सबको मिलकर राष्ट्रहित में बदलना चाहिए,
राष्ट्रहित के लिए हम सबको मिलकर,
एक नई सोच की तरफ अपना कदम बढ़ाना चाहिए।
बिजली, पानी या कोई अन्य सुविधा व्यर्थ न होनी चाहिए,
राष्ट्रप्रेम की भावना केवल युद्धभूमि में नहीं होनी चाहिए।
ये धरती फिर से हो सकती हरी-भरी, हमें एक-एक पौधा लगाकर उसकी आजीवन रक्षा करनी चाहिए।
राष्ट्रहित के लिए हम सबको मिलकर,
एक नई सोच की तरफ अपना कदम बढ़ाना चाहिए।
राष्ट्रप्रेम की भावना केवल युद्ध भूमि में नहीं होनी चाहिए।
प्रियंका कुमारी
प्राथमिक विद्यालय रहिया टोल
बायसी पूर्णिया