सब मिल चलो पेड़ लगाएँ-नरेश कुमार निराला

सब मिल चलो पेड़ लगाएँ 

सब मिल चलो पेड़ लगाएँ 
भारत भूमि को स्वर्ग बनाएँ 
वसुधा पर हरियाली फैलाकर
वायु को हम स्वच्छ बनाएँ।

वसंती हवा के शीतल झोंके
चारों दिशाओं में कोयल कूँके
खग कलरव सुन मंद-मंद मुस्काएँ 
सब मिल चलो पेड़ लगाएँ।

आम, लीची, अमरूद, केला
पेड़ों का अब लगेगा मेला
जामुन, पीपल, बरगद, नीम
सभी स्वस्थ्य रहेंगे बिन वैद्य-हकीम।

नभ में छाई घटा घनघोर
वन में छम-छम नाचे मोर
अम्बर धरती की प्यास बुझाएँ 
सब मिल चलो पेड़ लगाएँ।

पेड़ों से है जीवन हमारी
घर-आंगन में खुशियाँ सारी
वृक्षों के साथ त्यौहार मनाएँ  
सब मिल चलो पेड़ लगाएँ।

पेड़ न कोई कट पाए
जंगल अब न घट पाए 
धरती का हम कर्ज चुकाएँ 
सब मिल चलो पेड़ लगाएँ।

वसुंधरा पर जब पेड़ लगेगी
रिमझिम रिमझिम बारिश होगी
हरियाली से प्रदूषण दूर भगाएँ 
सब मिल चलो पेड़ लगाएँ।

नरेश कुमार ‘निराला’ 
प्राथमिक विद्यालय केवला
अंचल- छातापुर (सुपौल)

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