सब मिल पोषण कर जाओ-एकलव्य

 

सब मिल पोषण कर जाओ

 

खाना-पीना देती मम्मी
ड्रेस नहीं क्यों देती हो
खाता में जब जाता पैसा
अपना मान क्यों लेती हो? 
पैसा अपना माने तो
क्या मैं पराया हूँ 
तेरे कलेजे का टुकड़ा
अरमान पिता का हूँ।
हल-बैल-ट्रैक्टर ना हो तो
खेती कैसे होगा, 
बिना किताब मम्मी बताओ
पठन मेरा कैसे होगा?
सब दिन स्कूल जाएँगे
तभी तो कुछ कर पाएँगे
शिक्षा है अधिकार हमारा
पाकर मान बढ़ाएँगे।
आओ-आओ, मम्मी-पापा
अभिभावक बैठक में आओ
जहाँ कमी लगता है तुझको
उसको दूर भगाओ।
विद्यालय से मिलकर
शिक्षा का अलख जगाओ
भेद नहीं बेटी-बेटा में
अब तो एक बताओ
मैं ही भारत का भविष्य
सब मिल पोषण कर जाओ।

एकलव्य
संकुल समन्वयक
मध्य विद्यालय पोखरभीड़ा
पुपरी, सीतामढ़ी

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