साल 2020
बवाल कर गया साल दो हजार बीस,
सवाल कर गया साल दो हजार बीस।
कईयों को कंगाल कर गया साल दो हजार बीस,
अस्पताल को मालामाल कर गया साल दो हजार बीस।
कितनों की नौकरी छूटी, कितने हुए बेघर,
कितने अपने स्वर्ग सिधारे,
सबो को परेशान कर गया साल दो हजार बीस।
कई नेता, कई अभिनेता ,
सेठ, साहूकार एवं आम जनता
सबों को त्राहिमाम कर गया साल दो हजार बीस।
कितना को था गुमान अपने धन, दौलत एवं शोहरत का,
सबों को हैरान कर गया साल दो हजार बीस।
ऐसा पहली बार देखने को मिला
घर,चौबारों को अस्पताल कर दिया दो हजार बीस।
हमने कुदरत को मजाक समझा,
जीने के तरीके पर सवाल कर गया दो हजार बीस।
उम्मीद है नए वर्ष में नई पहल होगी,
पहले से जिंदगी सरल होगी।
कोरोना जैसे महामारी का जल्द से
जल्द कुछ ना कुछ हल होगा।
हम सबका जीवन सफल होगा।
अलविदा 2020, अलविदा 2020।
नीभा सिंह
फारविसगंज, अररिया