सत्य अगर बोलूँ- महा_शशिवदना छंद
सत्य अगर बोलूँ, रूठ सभी जाते।
झूठ कभी बोलूँ, संग चले आते।।
मुश्किल होती है, सत की हर राहें।
मान सहज लेते, उड़ती अफवाहें।।
कौन बताएगा, काश समझ पाते।
सत्य अगर बोलूँ, रूठ सभी जाते।।०१।।
सच लगता कड़वा, मुख जब भी खोलूँ।
बस खुश रखने को, मीठा क्यों बोलूँ।।
कुछ तो शब्दों के, अर्थ बदल लाते।
सत्य अगर बोलूँ, रूठ सभी जाते।।०२।।
असमंजस में हूँ, कैसे कुछ बोलूँ।
मौन रहूँ कैसे, राज नहीं खोलूँ।।
समझ गया हूॅं मैं, रहूँ सदा गाते।
सत्य अगर बोलूँ, रूठ सभी जाते।।०३।।
गीतकार:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
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