शब्दों के मोती..रामकिशोर पाठक

Ram Kishore Pathak

शब्दों के मोती- महा_शशिवदना छंद

शब्दों के मोती, मैं चुनकर आऊँ।
कैसे भी उनको, सुंदर कर जाऊँ।।

उनसे है बनता, गीतों की माला।
कानो में घुलती, बनकर मधुशाला।।
गाकर जिसको मैं, नित चित बहलाऊँ।
शब्दों के मोती, मैं चुनकर आऊँ।।०१।।

सत्य बताता हूँ, शिल्प अनोखा है।
कभी-कभी मिलता, मुझको धोखा है।।
शिल्प नया लाऊँ, सबको हर्षाऊँ।
शब्दों के मोती, मैं चुनकर आऊँ।।०२।।

मन की पीड़ा भी, शब्दों में बोलूँ।
कही नहीं जिसने, आँखों से तौलूँ।।
भावों का सबमें, पुष्प खिला पाऊँ।
शब्दों के मोती, मैं चुनकर आऊँ।।०३।।


गीतकार:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978

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