शब्दों की शक्ति
शब्दों में होती है शक्ति अपार
यही करते हैं हमारे बेड़ा पार
जहां होते हैं शब्दों के सुंदर बाग़
फूल बन जाती है धधकती आग।
हमारे शब्द ही करवाते हैं
व्यक्तित्व की पहचान
शब्दों के कारण ही मिलते हैं
हमें उचित मान-सम्मान।
जब हमारे शब्द हों जाएंगे तीखे
हम पड़ जाएंगे लोगों में फीके
हम रखेंगे वाणी को संजो करके
ताकि किसी की नज़रों में न झुके।
अच्छे शब्दों से मिलते हैं, हमें
हर्ष,उत्कर्ष व खुशियांँ अपार
जिनकी वाणी है होती मधुर
लोग देते हैं उन्हें बदले में प्यार।
जब सुसज्जित शब्द होंगे हमारे
सबको लगेंगी हमारी बातें प्यारी
जब होंगे हमारे शब्दों में सुधार
ये दुनिया लगेगी बहुत ही न्यारी।
एम० एस० हुसैन “कैमूरी”
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