शिक्षा का स्वरूप-चंचला तिवारी

शिक्षा का स्वरूप

शिक्षक शिक्षण और शिक्षा
नए स्तर से करनी होगी समीक्षा
पांडेमिक के इस दौर में
हम सबको रखनी होगी दृढ़ इच्छा।

बाल मन के मनोभाव
कर रहे सामना अभाव
कहीं कट न जाए उनके पर
बन जाए यह उनका स्वभाव।

ब्लैडेट लर्निंग से करके उपचार
मिटाना होगा अशिक्षा का अंधकार
बच्चों की बढ़ानी होगी सहभागिता
करके ऑनलाइन शिक्षण का संचार।

शिक्षण की विधियों को बढ़ाना है
हर एक विद्यार्थी को पढ़ाना है
बदलने होंगे हमें अपने तरीके
हर एक शिक्षक को कदम उठाना है।

चंचला तिवारी
तपसी सिंह उच्च विद्यालय
चिरांद, सारण

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