शिक्षा प्रगति
सार्थक शिक्षा ही मानव जीवन का मूल आधार है!
सकारात्मकता ला जीवन में करता सतत् सुधार है!!
शिक्षा का मतलब विश्व जगत का पूरा होता ज्ञान!
यह दूर करती जाती इस मानव जगत के अज्ञान!!
शिक्षा समाज को दिशा, प्रगति दर्पण है दिखलाता!
अंधविश्वास, पाखंड मानव भेद को है दूर भगाता!!
अशिक्षितों के मन में सदा आती रहती विकृतियां!
शिक्षित होकर अपनाई जाती मानव स्वीकृतियां!!
शिक्षा से ही देश समाज का होता सतत् विस्तार!
आत्मनिर्भर हो सदा करते जाते इसका निस्तार !!
धर्मालय से ऊंचा है शिक्षालय जहां मिलती प्रगति!
हो रहे शिक्षा से महरूम उनकी होती सदा दुर्गति!!
सच गलत के निर्णय शिक्षा जगत से ही हैं मिलते!
व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र इससे ही हैं बनते!!
खुद पढ़ें और सबको पढ़ाएं कुछ ऐसी रीत बनाएं!
चहुंओर शिक्षा का अलख जगाएं ऐसी प्रीत जगाएं!!
सुरेश कुमार गौरव ✍️
स्वरचित मौलिक रचना
रचना के सर्वाधिकार सुरक्षित