शिक्षक राष्ट्र निर्माता है
दूर करे अंधियारा जो
वह दीपक कहलाता है
दूर कर दे अज्ञानता जो
वही शिक्षक कहलाता है।
अच्छे और बुरे कार्य को
जो स्पष्ट समझाता है
सबसे रखो तुम प्रेम-भाव
वह सदैव यही बतलाता है।
अपने खुद वहीं खड़ा रहकर
तूझे आसमां तक पहुंचाता है
खुद की अकेली पहचान पर
वह अनेकों पहचान दिलाता है।
किसी को जज, अफसर तो
किसी को कोई पद दिलाता है
अपने वह ही शिक्षक बनकर
न जाने क्या-क्या बना जाता है।
खुद ही वर्तमान बनकर वह
शिष्य को भविष्य बताता है
शिक्षण कार्य में वह सदैव ही
खुद को अर्पण कर जाता है।
मेरे शिष्य पहुंचे शिखर पर
दिल में यही ख्याल लाता है
शिष्य हित में सर्वज्ञ लगाकर
सदैव शिक्षक राष्ट्र निर्माता है।
एम० एस० हुसैन “कैमूरी”
उत्क्रमित मध्य विद्यालय छोटका कटरा
मोहनियां कैमूर बिहार