शिक्षक सेवक है-अशोक प्रियदर्शी

शिक्षक सेवक है

शिक्षक सेवक है,
सृष्टि के बारे में बताने का 
उस शिक्षक को नमन है।
शिक्षक सेवक है 
अपनी मां का,
उस शिक्षक को नमन है।
शिक्षक सेवक है 
अपने पिता का 
उस शिक्षक को नमन है।
शिक्षक सेवक है 
छोटे और बड़ों का 
उस शिकक्ष को नमन है।
शिक्षक सेवक है 
समाज का
उस शिक्षक को नमन है।
शिक्षक सेवक है 
शिक्षा प्रदान करने का 
उस शिक्षक को नमन है।
शिक्षक सेवक है 
छात्र-छात्राओं का 
उस शिक्षक को नमन है।
शिक्षक सेवक है 
राष्ट्र निर्माता का 
उस शिक्षक को नमन है।
शिक्षक सेवक है 
सेवा भाव का 
उस शिक्षक को नमन है।
शिक्षक सेवक है 
सरलता निर्मलता स्नेह 
सदाचार सद्भाव सद्गुण 
आत्मसंयम आत्मबल का
उस शिक्षक को नमन है।
शिक्षक सेवक है 
गुरु पद निर्वहन का 
उस गुरु को कोटि-कोटि 
दंडवत नमन है।

अशोक प्रियदर्शी
प्रा० वि० परतिया टोला मोवैया 
बायसी पूर्णिया
( बिहार )

0 Likes
Spread the love

Leave a Reply