शुभकामना संदेश
नववर्ष के उपलक्ष्य में,
शुभकामना है मेरी।
यही कामना है मेरी,
शुभकामना है मेरी।
हम नित यूँ ही बढ़ते जाएँ,
अपनी मंजिल को हम पाएँ।
अपने शुभ कर्मों से अपने,
जीवन को सार्थक बनाएँ।
शुभकामना है मेरी,
यही कामना है मेरी।
अंतस का तिमिर मिटा हम,
तन-मन को निश्छल करें।
सकारात्मक बनकर हम,
नवयुग का निर्माण करें।
शुभकामना है मेरी,
यही कामना है मेरी
हिंददेश के रचनाकारों,
आओ हम संकल्प करें।
अपनी सुंदर लेखनी से,
इस धरा को पावन करें।
शुभकामना है मेरी,
यही कामना है मेरी।
भूल से भी कोई भूल न हो,
इस बात का हम ध्यान धरें।
अपनी सुंदर सोच से हम,
इस धरा को स्वर्ग करें।
शुभकामना है मेरी,
यही कामना है मेरी।
ईशदेवो के चरणों में,
मिलकर हम वन्दन करें।
अपने सत्कर्मों से हम,
सतयुग का आह्वान करे।
शुभकामना है मेरी,
यही कामना है मेरी।
कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
योगनगरी मुंगेर, बिहार