सृजनहार टीचर्स ऑफ बिहार
टीओबी का जन्मदिवस वार,
पास न कोई मेरे है उपहार।
आज शब्दों से दूँ मैं संवार ,
हम सब का हो प्यार अपार।
टी ओ बी के सभी सृजनहार !
कहते हैं टीचर्स ऑफ बिहार !!
ऊपर वाले हैं सबके पालनहार,
मिला हमें भी समान अधिकार।
लेकिन सबके सब रचनाकार ,
कुछ तो उसमें भी हैं फनकार।
टी ओ बी के सभी सृजनहार !
देते हैं सभी को सर्वाधिकार !!
इसमें है पद्यपंकज का तो सार ,
फिर हैं गद्यगुंजन भी तो शुमार।
दोनों की चाहत अटूट है प्यार ,
कहते हैं टीचर्स ऑफ बिहार।
चाहे कोई कोर्स हो या वेबिनार,
निष्ठा पूर्वक करते हैं बार-बार।
फिर भी सबके सब कलमकार,
सबों में है जीवन का भी सार।
यह भी है एक घर परिवार ,
दिखता है इसमें भी संसार।
जिसमें है ज्ञान का भंडार ,
होता नवचेतना का संचार।
हम सभी ने रखा है पंख पसार,
हम सबों पर है बच्चों का भार।
टी ओ बी के सभी सृजनहार ,
हम सभी टीचर्स ऑफ बिहार!
फिर भी हम सभी हैं कलमकार,
लेकिन शिक्षक हैं बुद्ध विहार ।
टी ओ बी के सभी सृजनहार !
कहते हैं टीचर्स ऑफ बिहार !!
प्रकाश प्रभात
प्राo विo बाँसबाड़ी बायसी
पूर्णियाँ बिहार