स्वच्छता है अच्छी आदतें
आओ प्यारे हम सब मिलकर
स्वच्छता पर कुछ काम करें,
वातावरण को शुद्ध बनाकर
विश्व में भारत का नाम करें।
गाँव-गाँव और टोले-मुहल्ले में
स्वच्छता का हम अलख जगायें,
ईधर-उधर न कोई फेंके कचड़े
सबको ऐसा बात समझायें।
नदी-पोखर और ताल-तलैया
गंदगी न उसमें जाने पाये,
हर दिन नये पेड़ लगाकर
धरती पर हरियाली फैलायें।
घर-घर में हो सुलभ शौचालय
बाहर न हो गंदगी का अम्बार,
गंदगी से हीं होती है बीमारियाँ
सदमे में रहते पूरे घर-परिवार।
स्वच्छता है अच्छी आदतें
सबके लिए जरूरी हो,
दिनचर्या में शामिल हो ये
किसी को न मजबूरी हो।
प्लास्टिक और पाॅलीथीन को
घर में अब न लाना है,
जहरीले गैसों के प्रदूषण से
पर्यावरण को बचाना है।
बापू के चिर सपनों को हम
मिल-जुलकर साकार करें,
राग-द्वेष को दूर भगाकर
जगत में सबसे प्यार करें।
नरेश कुमार “निराला”
सहायक शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय केवला
छातापुर, सुपौल