स्वामी विवेकानंद
हे भारत के युगपुरुष
भाल पर ज्ञान का दिव्य पुंज
गेरुआ वस्त्र धारी सनातन धर्म प्रणेता
पिता विश्वनाथ दत्त माता भुवनेश्वरी देवी थी धर्म परायण।
बचपन से थी बुद्धि कुशाग्र
ईश्वर को जानने की थी जिज्ञासा
निर्धन शोषित पीड़ित
के प्रति थी करुणा
गुरु थे इनके रामकृष्ण परमहंस
सब पर प्रभुत्व प्राप्त कर
लेनी थी उनकी विशिष्टता।
रामकृष्ण मिशन की स्थापना किया
अपना जीवन गुरु को समर्पित किया।
शिकागो विश्व धर्म महासभा में
सनातन धर्म का संदेश सुनाया
भाई बहन का संबोधन जब
जग ने पहली बार सुना
थमी नहीं तालियां देर तक
भारत विश्व गुरु कहलाया।
युवाओं के प्रेरणा स्रोत महान देशभक्त
मानव प्रेमी थे इनकी प्रतिभा इनकी मेधा का सबने लोहा माना।
भूखे प्यासे पैदल देश भ्रमण किया
उठो जागो और तब तक नहीं रुको
जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए
थी विवेकानंद की उक्ति
भारत की संस्कृति ध्वज को जिसने फहराया वह विवेकानंद कहलाया।
ब्यूटी कुमारी
मध्य विद्यालय मराँची
बछवाड़ा, बेगूसराय
मो० न० 9472059652